ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी-नेट ( नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा रद करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कुछ परीक्षार्थियों की याचिका को सिरे से खारिज कर दिया।
कोर्ट ने याचिका को रद करते हुए कहा कि इस पर इस समय सुनवाई करने से अव्यवस्था पैदा होगी। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के सामने यह याचिका रखी गई।
तीन सदस्यीय बेंच ने मामले पर कहा कि सरकार 21 अगस्त को नए सिरे से एग्जाम आयोजित कर रही है और छात्रों के मन में इस समय एक प्रकार की तसल्ली की भावना होनी चाहिए। परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की संख्या करीब 9 लाख है। चीफ जस्टिस ने प्रवीण डबास और अन्य द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा, सुप्रीम कोर्ट के इस कदम का गंभीर प्रभाव पड़ेगा और बड़े लेवल पर इससे अव्यवस्था पैदा हो जाएगी।
18 जून को आयोजित की गई थी परीक्षा
बेंच ने जिक्र किया कि यूजीसी- नेट परीक्षा 18 जून को आयोजित की गई थी और इसके एक दिन बाद इसे रद कर दिया गया।