ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। साल 2023 में भारतीय शेयर बाजार में ऐतिहासिक तेजी देखने को मिली है लेकिन बाजार के निवेशकों ने सबसे ज्यादा पैसा स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेश कर बनाया है। स्मॉल कैप स्टॉक्स निवेशकों की पहली पसंद रही है। देश के बेहतर इकोनॉमिक हालात और रिटेल निवेशकों की शानदार भागीदारी से इक्विटी बाजार के लिहाज से 2023 बेहद फायदेमंद साबित हुआ है। म्यूचुअल फंड्स में भी स्मॉल कैप फंड्स में सबसे ज्यादा निवेश आया है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार विभिन्न म्यूचुअल फंड स्कीम ने करीब 52 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। लगभग हर कैटेगरी की सबसे बेहतर म्यूचुअल फंड स्कीम का इस साल का रिटर्न 30-30 फीसदी से ज्यादा रहा है।
22 दिसंबर 2023 तक बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 13,074.96 प्वाइंट्स या 45.20 फीसदी का उछाल आया , जबकि मिडकैप इंडेक्स में 10,568.18 अंक या 41.74 फीसदी की तेजी आई है जबकि स्मॉल कैप और मिड कैप इंडेक्स के मुकाबले बीएसई के 30 शेयर वाले वाले सेंसेक्स में 10,266.22 अंक या 16.87 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। 20 दिसंबर, 2023 को स्मॉलकैप इंडेक्स 42,648.86 अंक के अपने ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया और उसी दिन मिडकैप सूचकांक भी 36,483.16 अंक के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। बीएसई सेंसेक्स 20 दिसंबर को अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर 71,913.07 अंक पर पहुंच गया था।
कौन सी कंपनियां मिड कैप में
मिडकैप इंडेक्स में वे कंपनियां आती हैं जिनका मार्केट वैल्यू ‘ब्लू चिप’ कंपनियोंं, जिनके शेयरों की कीमतें ऊंची हैं, का पांचवां हिस्सा है, जबकि स्मॉलकैप कंपनियां उसका करीब दसवां हिस्सा होता है। बाजार के जानकारों का मानना है कि 2023 में इक्विटी बाजार में तेजी का श्रेय बेहतर घरेलू मैक्रो इकोनॉमिक बुनियादी सिद्धांत और रिटेल निवेशकों के भरोसे को जाता है।
अर्थव्यवस्था की मजबूती का लाभ मिला
एयूएम कैपिटल के नेशनल हेड (वेल्थ) मुकेश कोचर ने कहा, जब समग्र अर्थव्यवस्था मजबूत हो जाती है, तो स्मॉलकैप तथा मिडकैप से जुड़े स्टॉक्स बेहतर प्रदर्शन करते हैं। कोचर ने इक्विटी बाजार के लिहाज से 2023 को एक बड़ा वर्ष’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने व्यापक भागीदारी के साथ नई ऊंचाई देखी है। बाजार के जानकारों का मानना है कि 2023 में भारी तेजी के बाद निकट अवधि में स्मॉल कैप शेयरों में मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है।
तेजी की वजहें
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक पल्का अरोड़ा चोपड़ा ने बताया कि इस साल बाजार में तेजी की मुख्य वजहें हैं – खुदरा निवेशकों की भागीदारी में वृद्धि, सितंबर तिमाही में उम्मीद से अधिक 7.6 फीसदी जीडीपी और निवेशकों की अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा जल्द ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद शामिल है।
2024 के लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार की संभावित वापसी से राजनीतिक स्थिरता और 2023 में इक्विटी बाजार में विदेशी फंड फ्लो के बढ़ने का भी बाजार पर असर पड़ा है।
1.62 लाख करोड़ का निवेश
साल 2023 में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स निवेशकों ने भारत में कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश किया है। केवल दिसंबर 2023 में एफपीआई का निवेश इक्विटी बाजारों में 57,300 करोड़ रुपये से अधिक रहा है।