ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में इस बार कुल 8,360 उम्मीदवार मैदान में हैं। आधिकारिक आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 1996 के संसदीय चुनावों के बाद सबसे अधिक उम्मीदवार इसी बार के चुनाव में आमने-सामने हैं। लोकसभा की 543 सीटों के लिए 2019 के चुनावों में 8,039 उम्मीदवार मैदान में थे और 1996 में रिकॉर्ड 13,952 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।
2024 के आम चुनाव सात चरणों में हो रहे हैं। इनमें पांच दौर का मतदान पूरा हो चुका है। छठे और अंतिम चरण के तहत क्रमशः 25 मई और 1 जून को मत डाले जाएंगे।
चौथे चरण में सबसे अधिक प्रत्याशी
चौथे चरण में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) की 96 संसदीय सीटों पर 13 मई को मतदान संपन्न हुआ था। इस चरण में सबसे अधिक 1,717 उम्मीदवार मैदान में थे।
यह रही प्रत्याशियों की चरण वाइज संख्या
– 19 अप्रैल को आयोजित पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर 1,625 उम्मीदवार थे।
– दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 13 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 89 सीटों पर 1,198 उम्मीदवार थे।
– सात मई को तीसरे चरण में 12 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 94 सीटों पर 1,352 प्रत्याशी मैदान में थे।
– पांचवें चरण में 20 मई को आठ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर 695 उम्मीदवार उतरे।
– आगामी छठे और सातवें चरण में 25 मई और एक जून को क्रमश: 869 और 904 प्रत्याशी मैदान में हैं।
1952 में थे 1,874 प्रत्याशी
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या 1952 में जहां 1,874 थी, वह 2024 में साढ़े चार गुना से अधिक बढ़कर 8,360 हो गई है। साल 1952 में देश में पहली बार आम चुनाव हुए थे। अब प्रति निर्वाचन क्षेत्र उम्मीदवारों की औसत संख्या 4.67 से बढ़कर 15.39 हो गई है।
– 1977 में छठे लोकसभा चुनावों के अंत तक औसतन प्रति लोकसभा सीट केवल तीन से पांच उम्मीदवार हुआ करते थे, लेकिन पिछले चुनावों में देश भर में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में 14.8 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। पिछले कुछ वर्षों में चुनाव उम्मीदवारों की कुल संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।