ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत भले ही सबसे अधिक आबादी वाला देश हो, लेकिन यहां टैक्स चुकाने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। डेटा बताता है कि 140 करोड़ आबादी वाले देश में सिर्फ 6.65 करोड़ लोग व्यक्तिगत आयकर भरते हैं। यह संख्या कुल आबादी की 4.8 प्रतिशत और वयस्क आबादी का 6.3 फीसदी है। यह तथ्य भी चौंकाने वाला है कि सरकार को मिलने वाले कुल आयकर की 76 प्रतिशत राशि 32 लाख (5 प्रतिशत) लोग भरते हैं। आश्चर्य यह है कि आयकर दाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए डिमोनेटाइनेशन, जीएसटी और बड़े ट्रांजेक्शन में पैन अनिवार्य करने जैसे कदम उठाए, लेकिन ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। वैश्विक निवेश बैंक जेफरीज ने देश के 10 साल के व्यक्तिगत आयकर ट्रेंड का विश्लेषण किया है। आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या सालाना 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। 2012 में इनकी संख्या 3.1 करोड़ थी, जो 2023 में 7.1 करोड़ हो गई।
करदाताओं की आय 4.5 से बढ़कर 7 लाख हुई
सीबीडीटी के मुताबिक व्यक्तिगत आयकर चुकाने वाले शीर्ष 1 प्रतिशत लोगों की कुल आय अन्य व्यक्तिगत आयकरदाताओं के मुकाबले घटी है। 2013-14 में यह 15.9 प्रतिशत थी, जो 2021-22 में 14.6फीसदी रह गई। इसके उलट, अन्य करदाताओं की आय 56 फीसदी तक बढ़ी है। 2013- 14 में इनकी आय 4.5 लाख रुपए थी जो 2021-22 में बढ़कर 7 लाख हो गई है।
नौकरी वालों की आय, बिजनेस वालों से ज्यादा
विश्लेषण से आय स्रोतों की भी दिलचस्प जानकारी मिली है। इसके मुताबिक कुल आय में सैलरी से होने वाली आय की हिस्सेदारी 47 फीसदी, जबकि बिजनेस से होने वाली आय की हिस्सेदारी 45 फीसदी है। सैलरी से होने वाली आय 2012 से 2021 के बीच 16 फीसदी की दर से बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपए हो गई है। दूसरी तरफ, बिजनेस से होने वाली आय महज 13 फीसदी बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपए हुई है। बिजनेस आय घोषित करने वाले लोगों की औसत आय 5 लाख रुपए है, जो कर योग्य आय सीमा से कम है। इसके विपरीत नौकरीपेशा लोगों की औसत आय 7.9 लाख रुपए है। इसका कारण टीडीएस प्रणाली है, जिसके चलते नौकरीपेशा की आय छिप नहीं पाती।
दोनों गेन्स पाने वालों की संख्या 3 साल में दोगुनी
कुल व्यक्तिगत आय में शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स का योगदान दोगुना बढ़कर 7.6 फीसदी हो गया है। यही नहीं, आय में कैपिटल गेन्स बताने लोगों की संख्या भी पिछले 3 साल में बढ़कर दोगुनी हो गई है। ऐसा डिस्क्लोजर बढ़ने और डेटा ट्रैकिंग के चलते हुआ है। अब रिटर्न फॉर्म में पहले से यह जानकारी भरी होती है।