ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी को न्यायपालिका के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और राष्ट्रीय समाचार पत्रों पर बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया है। जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार की पीठ ने मोदी की टिप्पणी के लिए उनकी खिंचाई की और चेतावनी दी कि इस तरह के आचरण को ‘बहुत गंभीरता’ से देखा जाएगा। ललित मोदी कानून और संस्था से ऊपर नहीं हैं और उन्हें माफी मांगने से पहले एक हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल तय की है।
वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने ललित मोदी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करते हुए कहा था कि उन्होंने 30 मार्च, 2023 को एक ट्वीट किया था जिसने न्यायपालिका की छवि को धूमिल किया और न्यायाधीशों के खिलाफ निंदनीय टिप्पणी की। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के खिलाफ ललित मोदी द्वारा की गई टिप्पणी के संबंध में एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा था कि वकीलों को पारिवारिक कलह में शामिल नहीं होना चाहिए। इसने ललित मोदी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को मौखिक रूप से अपने ‘अच्छे कार्यालय’ का उपयोग करने और अपने मुवक्कि ल को ‘उपचारात्मक उपाय’ करने की सलाह देने का निर्देश दिया था।