ब्लिट्ज ब्यूरो
संयुक्त राष्ट्र। प्रतिष्ठित सैन्य पुरस्कार से सम्मानित होने वाली भारतीय शांति रक्षक मेजर राधिका सेन ने कहा कि बहुपक्षीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है। ‘यूनाइटेड नेशन्स ऑर्गेनाइजेशन स्टेबिलाइजेशन मिशन इन द डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ द कांगो (मोनुस्को)’ में सेवा दे चुकीं मेजर सेन को संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस के अवसर पर विश्व निकाय के मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने प्रतिष्ठित ‘2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड’ से सम्मानित किया।
मेजर सेन ने विशेष साक्षात्कार में कहा, यह निश्चित तौर पर मेरे लिए सम्मान और सौभाग्य का विषय है कि मुझे न केवल अपनी टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला, बल्कि मेरे सभी सम्मानित सहयोगियों, शांतिरक्षकों और विशेष रूप से मेरे देश भारत का भी प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है।
संयुक्त राष्ट्र की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मेजर सेन भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन की कमांडर के तौर पर मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो गणराज्य के पूर्व में तैनात थीं।
दूसरी भारतीय शांति रक्षक
वह मेजर सुमन गवानी के बाद इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाली दूसरी भारतीय शांति रक्षक हैं। मेजर गवानी ने दक्षिणी सूडान में संयुक्त राष्ट्र के मिशन में सेवा दी थी और उन्हें 2019 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मेजर सेन ने भारतीय दूतावास में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज से भी मुलाकात की। उनका समर्पण और बहादुरी एक इतर दुनिया के निर्माण में महिला शांतिरक्षकों की अमूल्य भूमिका को दर्शाती है।
हिमाचल प्रदेश में 1993 को जन्मीं मेजर सेन आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुईं ं। उन्होंने बायोटेक इंजीनियर के तौर पर स्नातक किया। जब उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया था, उस समय वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बंबई से परास्नातक की पढ़ाई कर रही थीं। मेजर सेन को उनकी सेवा के लिए बधाई देते हुए गुतारेस ने कहा कि वह ‘सच्ची नेता और आदर्श हैं। उनकी सेवा समग्र रूप से संयुक्त राष्ट्र के लिए एक योगदान है।’