ब्लिट्ज ब्यूरो
वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के साथ जारी अपने सालाना अनुच्छेद-IV में कहा, दक्षिण एशियाई देश बुनियादी ढांचे में काफी निवेश कर रहा है। साथ ही, भारत सरकार वृद्धि के लिहाज से ठोस आधार बनाने के लिए आवश्यक हर तरह की सुविधाएं विकसित करने पर काफी जोर दे रही है। यह उत्पादकता और वृद्धि के लिहाज से देश को एक मजबूत मंच प्रदान करता है।
आईएमएफ में ‘मिशन ऑफ इंडिया’ से जुड़ीं नाडा चौएरी ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक वृद्धि का महत्वपूर्ण चालक बनने के लिए महामारी के बाद मजबूती से उभरी है। 2022-23 में ऊंचे स्तर पर रहने के बाद अब मुख्य महंगाई में औसत रूप से कमी आई है। हालांकि, यह अस्थिर बनी हुई है।
रोजगार कोरोना महामारी से पहले के स्तर को पार कर गया है। असंगठित क्षेत्र का दबदबा बना हुआ है, जबकि संगठित क्षेत्र में भी रोजगार के मोर्चे पर प्रगति हुई है। फिर भी, भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें खंडित दुनिया में वैश्विक वृद्धि में आर्थिक मंदी भी शामिल है।
भारत वैश्विक वित्तीय तनाव से भी अप्रभावित
भारत का वित्तीय क्षेत्र लचीला बना हुआ है। यह 2023 के शुरू में वैश्विक वित्तीय तनाव से काफी हद तक अप्रभावित रहा है। बजट घाटा कम हो गया है। सार्वजनिक कर्ज ऊंचा बना हुआ है और राजकोषीय बफर को दोबारा बनाने की जरूरत है।
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि नीतिगत प्राथमिकताओं का जोर राजकोषीय बफर को फिर से भरने के साथ कर्ज, मूल्य व वित्तीय स्थिरता बनाए रखने पर होना चाहिए।
सेवा निर्यात एक दशक के शीर्ष पर मजबूत
आईएमएफ ने कहा, महामारी में आउटसोर्सिंग की मजबूत वैश्विक मांग से 2022-23 में भारत का सेवा निर्यात एक दशक के शीर्ष पर पहुंच गया। इससे शुद्ध रफ्तार निर्यात में वृद्धि हई। 2022-23 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.2 फीसदी तक पहुंच गई। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 7.8 फीसदी पर मजबूत बनी रही। वृद्धि को मजबूत घरेलू मांग से सहारा मिल रहा है।
जी-20 अध्यक्षता से बढ़ा प्रभाव
नाडा चौएरी के मुताबिक 2023 की जी-20 अध्यक्षता ने भी बहुपक्षीय नीति प्राथमिकताओं को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने में भारत की अहम भूमिका का प्रदर्शन किया है।
सरकार ने कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। कई अन्य अहम प्रक्रियाएं भी हैं जिन्हें और सरल बनाने की जरूरत है।
युवा आबादी के उपयोग से और बढ़ेगी ताकत
चौएरी ने कहा, भारत की जनसंख्या काफी अधिक है। इसमें युवा खासी संख्या में हैं, इसलिए अगर संरचनात्मक सुधारों से इस क्षमता का इस्तेमाल किया जाए तो भारतीय जीडीपी मजबूत दर से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा और एक मजबूत सरकारी इन्फ्रा कार्यक्रम के साथ श्रम व मानव पूंजी के अधिक योगदान से भारत में और अधिक विकास की संभावना है।