ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। आंत की हेल्थ का ध्यान रखना बेहद जरूर है। आंत ही भोजन से पोषक तत्वों को पचाती और उन्हें अवशोषित करती है। बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने का काम भी आंत का ही है।
इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाती है
आंत की अच्छी सेहत इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाती है और ओवरऑल हेल्थ के लिए बिल्डिंग ब्लॉक मानी जाती है।
सीके बिड़ला अस्पताल, दिल्ली में मिनिमम एक्सेस, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और बेरिएट्रिक सर्जरी के निदेशक डॉ. सुखविंदर सिंह सग्गू ने बताया कि हमारी आंत में खरबों गुड बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाते हैं और पाचन को दुरुस्त करते हैं।
गुड बैक्टीरिया बचाते हैं गंभीर रोगों से
गुड बैक्टीरिया बॉडी के ज्यादातर कार्यों जिसमें मानसिक स्वास्थ्य, इम्युनिटी, पाचन, अवशोषण, अंतःस्रावी कार्य और यहां तक कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज, दिल के रोग और कई तरह के कैंसर से बचाव में सहायक होते हैं । अच्छे बैक्टीरिया हमारी गुड हेल्थ के लिए जरूरी हैं।
मुश्किल काम नहीं
हाल ही में इंस्टाग्राम पर आयुर्वेद विशेषज्ञ डिक्सा भावसार सावलिया ने आंत की अच्छी सेहत के लिए कुछ सुपर फूड्स का सेवन करने की सलाह दी है। अगर रोजाना इन फूड्स का सेवन कर लिया जाए तो आसानी से आंत में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाया जा सकता है और आंत की हेल्थ को दुरुस्त रखा जा सकता है।
औषधीय गुणों से भरपूर अदरक
धर्मशिला नारायण अस्पताल दिल्ली में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. महेश गुप्ता ने बताया कि औषधीय गुणों से भरपूर अदरक का सेवन पाचन को दुरुस्त करने में जादुई असर करता है।
अदरक का सेवन गीली और सूखी, दोनों तरह से किया जा सकता है। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। यह मतली, मांसपेशियों में दर्द, खांसी-जुकाम, गले में खराश, फैट बर्न, सूजन, अपच और बॉडी में होने वाली सूजन और दर्द से राहत देने में मददगार साबित होती है। इसका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है और ब्लड शुगर भी नॉर्मल रहता है। अदरक में जिंजरोल और शोगोल जैसे यौगिक मौजूद होते हैं उनमें सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव मौजूद होता है। अदरक पाचन को दुरुस्त करती है और आंत की सूजन को कंट्रोल करती है। इसका सेवन करने से मतली जैसे लक्षण भी कंट्रोल रहते हैं।
छाछ में हैं प्रोबायोटिक्स
छाछ एक फर्मेंटेड डेयरी प्रोडक्ट है जिसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं। आंत की अच्छी सेहत के लिए गुड बैक्टीरिया असरदार होते हैं। ये प्रोबायोटिक्स आंत बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। छाछ का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और इम्युनिटी भी स्ट्रांग हती है। छाछ को ‘पृथ्वी पर अमृत’ कहा जाता है जो पाचन के लिए बेहतरीन है। इसका खट्टा-कसैला स्वाद पाचन में सुधार करता है। आयुर्वेद के मुताबिक ये कफ और वात को संतुलित करती है। छाछ में लैक्टिक एसिड भी होता है, जो लैक्टोज के पाचन में सहायता कर सकता है।
गाय का घी अमृत समान
गाय का घी सेहत के लिए बेहद उपयोगी होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है और स्वाद मीठा होता है। ये वात और पित्त को कम करता है और पाचन में सुधार करता है। इसका सेवन करने से ऊतकों को पोषण मिलता है। घी का सेवन मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसका सेवन करने से याददाश्त दुरुस्त रहती है। स्किन और बाल हेल्दी रहते हैं। रोजाना घी खाने से प्रजनन क्षमता में सुधार होता है और इम्युनिटी भी स्ट्रांग होती है। याददाश्त को दुरुस्त करने में ये बेहद उपयोगी है।
मिश्री आंतों की सेहत को दुरुस्त रखने में बेहद उपयोगी
मिश्री चीनी का सबसे शुद्ध रूप है जिसका सेवन स्वीटनर के रूप में किया जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक मिश्री का सेवन पीसीओएस, मोटापा, ऑटो-इम्यून डिजीज और आंतों की सेहत को दुरुस्त रखने में बेहद उपयोगी है। मिश्री परिष्कृत सफेद चीनी की तुलना में कम संसाधित होती है और इसके सेहत के लिए फायदे भी ज्यादा होते हैं।