ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लोगों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत में बहुत कुछ हो रहा है जो विकसित भारत की नींव को मजबूत कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस साल मैंने लाल किले से बिना राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले एक लाख युवाओं को राजनीतिक व्यवस्था से जोड़ने का आह्वान किया। मेरी इस बात पर जबरदस्त प्रतिक्रियाएं आई हैं। इससे पता चलता है कि कितनी बड़ी संख्या में हमारे युवा, राजनीति में आने को तैयार बैठे हैं। बस उन्हें सही मौके और सही मार्गदर्शन की तलाश है। युवाओं का यह भी मत है कि परिवारवादी राजनीति नई प्रतिभाओं का दमन कर रही है।
विकसित भारत का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी समाज के हर क्षेत्र से ऐसे अनेकों लोग सामने आए थे, जिनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी। उन्होंने खुद को भारत की आजादी के लिए झोंक दिया था। आज हमें विकसित भारत का लक्ष्य पाने के लिए एक बार फिर उसी भावना की जरूरत है। मैं अपने सभी युवा साथियों को कहूंगा कि इस अभियान से जरूर जुड़ें। बिना राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले युवाओं के राजनीति में आने पर लोकतंत्र मजबूत होगा।
अंतरिक्ष जगत से जुड़े युवाओं से बात की
‘मन की बात’ में उन्होंने अंतरिक्ष जगत से जुड़े युवाओं से बात की। उन्होंने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस और चंद्रयान-3 को लेकर भी बात की। पीएम मोदी ने कहा कि इस 23 अगस्त को ही हम सब देशवासियों ने पहला नेशनल स्पेस डे (राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस) मनाया। पिछले वर्ष इसी दिन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से में शिव-शक्ति बिंदू पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। भारत इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना था।
‘हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा’
पीएम मोदी ने कहा कि ‘हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा’ इस बार ये अभियान अपनी पूरी ऊंचाई पर रहा। देश के कोने-कोने से इस अभियान से जुड़ी अद्भुत तस्वीरें सामने आई हैं। हमने घरों पर तिरंगा लहराते देखा। स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों में तिरंगा देखा। लोगों ने अपनी दुकानों, दफ्तरों में तिरंगा लगाया। लोगों ने अपने डेस्कटॉप, मोबाइल और गाड़ियों पर भी तिरंगा लगाया।
जल-थल-नभ हर जगह हमारे झंडे के तीन रंग
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के हर कोने, जल-थल-नभ, हर जगह हमारे झंडे के तीन रंग दिखाई दिए। हर घर तिरंगा वेबसाइट पर पांच करोड़ से ज्यादा सेल्फी भी पोस्ट की गई। इस अभियान ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है और यही तो ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘असम में तिनसुकिया जिले के छोटे से गांव बारेकुरी में मोरान समुदाय के लोग रहते हैं और इसी गांव में रहते हैं ‘हूलॉक गिबन’, जिन्हें यहां ‘होलो बंदर’ कहा जाता है। हूलॉक गिबन्स ने इस गांव में ही अपना बसेरा बना लिया है। गांव के लोगों ने वो सारे काम किए, जिससे गिबन्स के साथ उनके रिश्ते और मजबूत हों। उन्हें जब यह एहसास हुआ कि गिबन्स को केले बहुत पसंद हैं, तो उन्होंने केले की खेती भी शुरू कर दी। इसके अलावा उन्होंने तय किया कि गिबन्स के जन्म और मृत्यु से जुड़े रीति-रिवाजों को वैसे ही पूरा करेंगे, जैसा वे अपने लोगों के लिए करते हैं।’
अरुणाचल के युवा कम नहीं
पीएम मोदी ने कहा, अरुणाचल में हमारे कुछ युवा-साथियों ने 3-डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करना शुरू किया है। जानते हैं क्यों? क्योंकि वो वन्य जीवों को सींगों और दांतों के लिए शिकार होने से बचाना चाहते हैं। नाबम बापू और लिखा नाना के नेतृत्व में ये टीम जानवरों के अलग-अलग हिस्सों की 3-डी प्रिंटिग करती है। मैं तो कहूंगा कि अधिक से अधिक स्टार्ट-अप्स इस क्षेत्र में सामने आएं ताकि हमारे पशुओं की रक्षा हो सके और परंपरा भी चलती रहे।
एमपी के झाबुआ की तारीफ में पढ़े कसीदे
मध्य प्रदेश के झाबुआ में हमारे सफाई-कर्मी भाई-बहनों ने कमाल कर दिया है। इन भाई-बहनों ने हमें ‘वेस्ट टू वेल्थ’ (अपशिष्ट से धन तक) का संदेश सच्चाई में बदलकर दिखाया है। इस टीम ने झाबुआ के एक पार्क में कचरे से अद्भुत कलाकृतियां तैयार की हैं। अपने इस काम के लिए उन्होंने आसपास के क्षेत्रों से प्लास्टिक अपशिष्ट, इस्तेमाल की हुई बोतलें, टायर्स और पाइप इकट्ठा किए। इन कलाकृतियों में हेलीकॉप्टर, कार और तोपें भी शामिल हैं।
खूबसूरत हैंगिंग गुलदस्ते भी बनाए गए हैं। यहां इस्तेमाल किए गए टायरों का उपयोग आरामदायक बेंच बनाने के लिए किया गया है। सफाई कामगारों की इस टीम ने ‘रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल’ का मंत्र अपनाया है। ‘ई कांसियस’ नाम की एक टीम है, जो प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग पर्यावरण अनुकूल उत्पाद बनाने में कर रही है। इसका विचार उन्हें हमारे पर्यटन स्थलों, विशेषकर पहाड़ी इलाकों में फैले कचरे को देखकर के आया। ऐसे ही लोगों की एक और टीम ने इकोकारी नाम से स्टार्ट-अप शुरू किया है। ये प्लास्टिक अपशिष्ट से अलग-अलग खूबसूरत चीजें बनाते हैं।
संस्कृत के प्रति लोगों का विशेष लगाव
उन्होंने रक्षा बंधन का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया। उसी दिन पूरी दुनिया में ‘विश्व संस्कृत दिवस’ भी मनाया गया। आज भी देश-विदेश में संस्कृत के प्रति लोगों का विशेष लगाव दिखता है।
1 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच पोषण माह
उन्होंने कहा कि बच्चों का पोषण देश की प्राथमिकता है। वैसे तो उनके पोषण पर पूरे साल हमारा ध्यान रहता है, लेकिन एक महीना देश इस पर विशेष फोकस करता है। इसके लिए हर साल 1 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच पोषण माह मनाया जाता है। लोगों को जागरूक बनाने के लिए पोषण मेला, एनीमिया शिविर, नवजात शिशुओं के घर की विजिट, सेमिनार, वेबिनार जैसे कई तरीके अपनाए जाते हैं।