ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में शामिल नलिनी श्रीहरन और पांच अन्य दोषियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिहाई देने पर कांग्रेस पार्टी खफा है। पार्टी की तरफ से प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए और कहा कि गांधी फैमिली के रुख से भी हम असहमत हैं, भले ही वो सबसे ऊपर हैं। सिंघवी ने यह भी कहा कि पहली बार कांग्रेस पार्टी इस मामले में मोदी सरकार से सहमत है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असंतोष जताते हुए कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वे बड़े ही आदर के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश हैं। सिंघवी ने कहा कि यह कोई लोकल मर्डर नहीं था। पीएम को मार देना देश की संप्रभुता पर हमला था। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। पत्रकारों से बात करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने सोनिया गांधी समेत गांधी फैमिली के रुख पर भी असहमति जताई।
सोनिया की याचिका पर घटाई गई थी सजा
2000 में सोनिया गांधी के हस्तक्षेप पर नलिनी श्रीहरन की सजा को घटाकर आजीवन कारावास कर दिया गया था। सोनिया गांधी ने एक क्षमादान याचिका दायर की थी जिसमें बताया गया था कि नलिनी को गिरफ्तार किए जाने के समय वह गर्भवती थी। फिर 2014 में छह और दोषियों की सजा को भी कम कर दिया गया था। उसी वर्ष, तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता ने उनकी रिहाई के लिए कदम उठाए थे।
2009 में प्रियंका ने दी थी माफी
साल 2009 की बात है जब प्रियंका गांधी ने भी अपने पिता राजीव गांधी के हत्यारों को माफी दे दी थी। अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि नलिनी जो घटना के वक्त खुद गर्भवती थी। मेरे माफी न देने या देने से पिता वापस नहीं आ जाएंगे।
केंद्र के समान कांग्रेस के विचार
सिंघवी कहते हैं कि इस मामले में सबसे रोचक बात यह है कि राज्य सरकार ने दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी। ऐसे में सुप्रीम अदालत के पास इस दलील को स्वीकार करने का ही विकल्प था। कांग्रेस पार्टी इस मामले में केंद्र के समान विचार रखती है। सिंघवी के अनुसार केंद्र ने दोषियों की रिहाई की कोई सिफारिश नहीं की। कहीं न कहीं केंद्र को भी लगता है कि दोषियों की रिहाई नहीं होनी चाहिए। इस मामले में केंद्र और कांग्रेस के विचार समान हैं।