ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। इन दिनों 10 साल पुराने ‘आधार कार्ड’ अपडेशन को लेकर तमाम वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें चल रही हैं। ऐसे में इससे जुड़ी सही जानकारी होना हर भारतीय के लिए बेहद अहम है। ‘आधार’ आज भारत के निवासियों की विशिष्ट पहचान बन गया है। भारतीय नागरिकों को इसकी मदद से एक प्रमाण पत्र प्राप्त होता है जिसका इस्तेमाल वर्तमान में लोगों द्वारा तमाम सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है। हम यहां ‘आधार’ की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि कुछ खबरों में ये गलत जानकारी दी गई है कि जिन नागरिकों का 10 साल पहले ‘आधार’ नंबर जारी किया गया था उन्हें अनिवार्य रूप से अपना आधार कार्ड का नवीकरण कराना होगा।
इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि जिन निवासियों को 10 साल पहले ‘आधार’ नंबर जारी किया गया था और जिन्होंने उसके बाद इन वर्षों में इसे कभी भी अपडेट नहीं किया है, इस तरह के आधार नंबर धारकों को अपने-अपने दस्तावेजों को अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यूआईडीएआई ने इससे पहले भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह रेखांकित किया था कि वह देश के निवासियों से अपने-अपने दस्तावेजों को अपडेट करने के लिए आग्रह कर रहा है और उन्हें प्रोत्साहित कर रहा है। हाल ही में जारी राजपत्र अधिसूचना में यह भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि देश के निवासी हर 10 साल के पूरा होने पर ‘ऐसा कर सकते हैं’।
आधार अपडेशन अनिवार्य नहीं : ऐसे में आपको अनिवार्य रूप से आधार अपडेशन से जुड़ी किसी भी खबर से भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। सभी देशवासियों को इन खबरों और सोशल मीडिया पोस्ट को नजरअंदाज करने के बारे में यूआईडीएआई ने सूचित किया है। सोशल मीडिया और तमाम वेबसाइट पर देशवासियों को भ्रमित करने के लिए खबरें चलाई जा रही हैं कि नई व्यवस्था के तहत अब प्रत्येक 10 वर्ष पर आधार धारकों को अपने आधार कार्ड का नवीनीकरण कराना होगा और इसके लिए सभी संबंधित दस्तावेज देने होंगे जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। वहीं यह भी भ्रमित करने के लिए यह दावा भी किया जा रहा है कि सरकार ने आधार नियमों में संशोधन किया है। इसके आधार पर अब नई व्यवस्था के तहत अब प्रत्येक 10 वर्ष पर आधार धारकों को अपने आधार कार्ड का नवीनीकरण कराना होगा और इसके लिए सभी संबंधित दस्तावेज देने होंगे। ‘आधार’ संबंधी दस्तावेजों को निरंतर अपडेट या अद्यतन रखने से लोगों को जीवन यापन में आसानी होती है, सेवाओं को बेहतर ढंग से मुहैया कराना संभव हो पाता है, और इसके साथ ही सटीक प्रमाणीकरण को संभव करने में मदद मिलती है। यूआईडीएआई ने हमेशा देश के निवासियों को अपने दस्तावेजों को अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित किया है एवं यह अधिसूचना उसी दिशा में एक और अहम कदम है।