आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। देशभर के लिए कुल वार्षिक भूमि जल ‘रीचार्ज’ 437.60 अरब घनमीटर है। देश में वार्षिक रूप से 239.16 अरब घनमीटर भूमि जल निकाला गया। जल शक्ति मंत्रालय के केंद्रीय भूजल बोर्ड की सक्रिय भूमि जल संसाधन मूल्यांकन रिपोर्ट 2022 से यह जानकारी मिली है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह रिपोर्ट जारी की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल 7089 मूल्यांकन इकाइयों (ब्लाक/मंडल/तालुका) में से 1006 इकाइयों (14 फीसद) को ‘अति-दोहन’ की श्रेणी में रखा गया है। इससे यह संकेत मिलता है कि इन इकाइयों में भूजल के दोहन की मात्रा वार्षिक पुनर्भरणीय भूजल ‘रीचार्ज’ से अधिक है। देश में 260 मूल्यांकन इकाइयों में भूजल निकाले जाने की मात्रा 90-100 फीसद तक है और इन्हें ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है। 885 मूल्यांकन इकाइयों को ‘अर्द्ध गंभीर श्रेणी में रखा गया है जहां भूजल के दोहन का स्तर 70 से 90 फीसद के बीच है। 4780 इकाइयों में भूजल के दोहन का स्तर 67 फीसद है।
‘अति दोहन’ की श्रेणी में आने वाली मूल्यांकन इकाइयां मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों के अलावा राजस्थान एवं गुजरात के कुछ इलाकों तथा कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में स्थित थीं। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2004 में देश में एक साल में जमीन के अंदर जाने वाली पानी की कुल मात्रा का 58 फीसद निकाला गया जो 2009 में बढ़ कर 61 फीसद और 2011 में 62 फीसद दर्ज किया गया। वर्ष 2013 में यह 62 , वर्ष 2017 में 63 फीसद, वर्ष 2020 में 62 फीसद और वर्ष 2022 में करीब 60 फीसद दर्ज हुआ।
साल 2004 में संपूर्ण देश के लिए कुल वार्षिक भूमि जल ‘रीचार्ज’ 433 अरब घनमीटर, 2009 में 431 अरब घन मीटर, 2011 में 433 अरब घनमीटर, 2013 में 447 अरब घनमीटर, 2017 में 432 अरब घन मीटर, 2020 में 436 अरब घन मीटर और 2022 में 437.60 अरब घन मीटर दर्ज किया गया। इसी तरह 2004 में 231 अरब घन मीटर भूमि जल निकाला गया जबकि 2009 में 243 अरब घन मीटर, 2011 में 245 अरब घन मीटर, 2013 में 253 अरब घन मीटर, 2017 में 249 अरब घन मीटर, 2020 में 245 अरब घन मीटर और 2022 में 239.16 अरब घन मीटर भूमि जल निकाला गया।
रिपोर्ट के अनुसार, भूमि जल ‘रीचार्ज’ पानी में बढ़ोतरी का संकेत देता है। भूजल ‘रीचार्ज’ का मुख्य स्रोत मानसूनी बारिश के रूप में सामने आया है जो 241.35 अरब घन मीटर तथा कुल वार्षिक भूजल ‘रीचार्ज’ का करीब 55 फीसद है। इसमें कहा गया है कि गोवा, गुजरात, झारखंड, केरल, मध्यप्रदेश, माणिपुर, मेघालय, मिजोरम, राजस्थान, दमन एवं दीव राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मानसून के दौरान वार्षिक भूजल ‘रीचार्ज’ 70 फीसद से अधिक रहा ।