सिंधु झा
किसी भी वर्ष की शुरुआत संकल्पों के साथ होती है तो वर्षांत में उसकी समीक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इससे सीख लेकर नए उत्साह के साथ आगे बढ़ने की नई ऊर्जा मिलती है। इसलिए विकसित भारत का संकल्प 2023 में सिद्धि के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ा है।
इस वर्ष को भारत के लिए गौरव से भर देने वाला अमृत काल का प्रथम वर्ष कहा जायेगा, तो भारत के संदर्भ में दुनिया के लिए ऐतिहासिक वर्ष। जब देश का प्रत्येक नागरिक अपनी आंखों के सामने इतिहास बनते हुए देखता है,उसका साक्षी बनता है तो उसका जीवन धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं, राष्ट्र जीवन की चिरजीव चेतना बन जाती हैं। वर्ष 2023 अमृत काल की प्रथम प्रभा सही अर्थों में सफलता की अमृत वर्षा लेकर आई। अमृत काल का प्रथम वर्ष भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा है।
दो उदाहरणों ने बनाया अविस्मरणीय
अमृत काल का यह पहला वर्ष भारत की सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक वर्ष बना है। लेकिन राष्ट्रीय चेतना से ओतप्रोत दो उदाहरणों ने वर्ष 2023 को अविस्मरणीय बना दिया। पहला- जब 23 अगस्त 2023 को सूरज ढला और दुनिया ने चांद की ओर देखा तो वहां उसने नया भारत देखा। भारत का चंद्रयान-3 चांद के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा, जहां दुनिया का कोई देश पहले नहीं पहुंचा था, जो काम पहले दुनिया में कोई अन्य देश नहीं कर पाया। दूसरा- भारत की अध्यक्षता में जी20 को पीपुल्स जी20 के रूप में पहचान मिली।
एक पर्व जैसा जी20
इसी वर्ष भारत के करोड़ों सामान्य नागरिक जी20 से जुड़े और हमने इसे एक पर्व की तरह मनाया। इसी वर्ष 9-10 सितंबर को जी20 नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में दुनिया के सबसे शक्तिशाली आर्थिक समूह के नेताओं की मेजबानी भारत ने की। इस शक्तिशाली समूह के अध्यक्ष के रूप में जी20 में अफ्रीकन यूनियन का प्रवेश कराने और 9 सितंबर को नई दिल्ली घोषणापत्र को सर्वसम्मति से मंजूर करा भारत ने इतिहास रच दिया।
नए भारत का जयघोष
अविस्मरणीय, अभूतपूर्व और नए भारत के जयघोष का यह वर्ष सही अर्थों में मुश्किलों के महासागर को पार करने का रहा, यह देश की 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का रहा, भारत में नई ऊर्जा, नया विश्वास, नई चेतना का रहा।
यह भारत के उदीयमान भाग्य के आह्वान का रहा। इन दो बड़ी उपलब्धियों ने एक बार फिर भारत के सामर्थ्य और भारतीयता के संस्कारों से दुनिया को परिचित कराया है। भारत ने यह बताया है कि यह आज का भारत है, निर्भीक, जुझारू भारत। यह वो भारत है, जो नया सोचता है, नए तरीके से सोचता है, जो डार्क जोन में जाकर भी दुनिया में रोशनी की किरण फैला देता है। यही भारत अब 21वीं सदी में दुनिया की बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान करेगा। वर्ष 2023 की ये दो तारीख भारत के इतिहास की सबसे गौरवमयी तारीखों में शामिल हो गई ंहै।
विकसित भारत का शंखनाद
यह विकसित भारत के शंखनाद का क्षण बन गया है। भारत हर बाधा को तोड़ते हुए चांद पर पहुंचा है। इसके कुछ दिन बाद ही आदित्य एल-वन की भी सफल लॉन्चिंग की। गगनयान से जुड़ा एक अत्यंत महत्वपूर्ण परीक्षण भी पूरा किया। भारत ने तुमकुरू में एशिया की सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर फैक्टरी की शुरुआत की।
खेल की दुनिया में भी परचम
खेलों में भी परचम लहराया। सेना, सुरक्षाबल के जवानों ने भी मेडल जीतकर लोगों का दिल जीता। 40 वर्षों बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की बैठक का सफल आयोजन किया है।
आज भारत हर चुनौती को पार करते हुए डिजिटल ट्रांजेक्शन में नंबर वन बना है। आज भारत, हर बाधा से निकलकर, मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में नेतृत्व कर रहा है। आज भारत, स्टार्टटअप की दुनिया में टॉप तीन देशों में है। आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा कौशल पूल अपने यहां बना रहा है।
मानवीय संवेदनाओं से जुड़े विषय हों या विकास के अन्य मापदंड, भारत ने नए कीर्तिमान बनाए तो अब वह रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के नए अध्याय लिख रहा है। स्वदेशी युद्ध पोत हो या विमान, अपनी सामर्थ्य से अब भारत न केवल स्वदेशी रक्षा उपकरणों का निर्माण कर रहा है बल्कि उसका निर्यात भी कर रहा है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
सीमवर्ती गांवों को सशक्त बनाने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम चलाए गए हैं। देश को अपनी पहली रैपिड रेल सेवा नमो भारत का उपहार मिला। भारत के 34 नए रूट्स पर वंदे भारत ट्रेनें रफ्तार भरने लगी हैं। राजमार्ग के निर्माण में नित नए रिकॉर्ड इस साल बने हैं और दुनिया के दूसरे बड़े रोड नेटवर्क वाला देश बन गया है।