ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। आरबीआई ने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों को लेकर नियमों में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव किया है। इसमें जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों (डिफॉल्टर) की परिभाषा भी तय की गई है। इस श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है, जिन पर 25 लाख रुपये या उससे अधिक का कर्ज है और भुगतान क्षमता होने के बावजूद उन्होंने उसे लौटाने से इन्कार कर दिया। आरबीआई ने नए दिशानिर्देश के मसौदे पर संबंधित पक्षों से 31 अक्तूबर तक सुझाव मांगा है। इसमें अन्य बातों के अलावा कर्जदाताओं के लिए दायरे का विस्तार करने का प्रस्ताव है।
नए निर्देश के तहत बैंक या वित्तीय संस्थान कर्ज लेने वालों को डिफॉल्टर यानी जानबूझकर बकाया राशि नहीं लौटाने वाले की श्रेणी में डाल सकते हैं। पहचान प्रक्रिया को बेहतर कर सकते हैं।