मनोज जैन
फरीदाबाद। 37वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने कहा कि आज सूरजकुंड मेला अनेक देशों के हस्तशिल्पियों का महाकुंभ बन गया है। यह हमारी सांस्कृतिक विविधता और परंपरा के साथ-साथ नवीनता का उत्सव है, जो कला और शिल्प सीमाओं को तोड़कर समझ के पुल बनाता है। इस मौके पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पर्यटन मंत्री कुंवरपाल मौजूद रहे। मेले के 16 दिनों के दौरान 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने की उम्मीद है। यह शिल्पकारों व हथकरघा व्यापारियों के लिए आर्थिक दृष्टि से एक बहुत बड़ा मंच साबित होगा।
– मेले के दौरान 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने की उम्मीद
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेला परिसर में हरियाणा के अपना घर पवेलियन का दौरा किया और हरियाणवी संस्कृति की झलक बिखेर रहे शिल्पकारों से रूबरू हुईं । उन्होंने कलाकृतियों के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही मेले के थीम स्टेट गुजरात राज्य के स्टॉलों का अवलोकन करते हुए शिल्पकारों से भी संवाद किया। उन्होंने कहा कि तंजानिया इस वर्ष के मेले का भागीदार देश है। पिछले वर्ष अक्तूबर में तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन से चर्चा के दौरान दोनों देशों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और अधिक विस्तारित करने के महत्व पर सहमति बनी थी। इस मेले में आने वाले पर्यटकों को लकड़ी की नक्काशी, मिट्टी के बर्तन और बुनाई सहित जीवंत और रंगीन तंजानिया कला और शिल्प का अनुभव करने का मौका मिलेगा। यह तंजानियाई नृत्य, संगीत और व्यंजनों को प्रदर्शित करने का एक अद्भुत मंच है, जिसमें हम भारत और पूर्वी अफ्रीकी तट के बीच सदियों से लोगों के बीच संपर्क के कारण कुछ भारतीय प्रभाव की झलक भी देख सकते हैं। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इस दिन को हरियाणा राज्य के लिए एक ऐतिहासिक दिवस बताया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अरावली की पहाड़ियों की तलहटी में तोमर वंश के राजा सूरजपाल द्वारा बनवाया गया ऐतिहासिक सूरजकुंड रोमन शैली में बना है और उगते सूरज की आकृति का है। उगता सूरज प्रगति का प्रतीक माना जाता है।
37 साल से प्रतिवर्ष फरवरी में आयोजन
सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला बीते 37 साल से प्रतिवर्ष फरवरी के पहले पखवाड़े में आयोजित किया जाता है। मेले को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में आयोजन के लिए वर्ष 2007 में शुरुआत हुई और वर्ष 2013 में मेले को अंतरराष्ट्रीय दर्जा मिला।
2007 से 2013 के बीच दो बार 2009 और 2013 में राष्ट्रपति, 2007 में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, 2008 में विदेश मंत्री, 2012 में लोकसभा अध्यक्ष और वर्ष 2010 में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मेले का उद्घाटन किया था। राष्ट्रपति मुर्मू ने तीसरी बार मेले का उद्घाटन किया।
कैमरे की नजर में सूरजकुंड मेला