नई दिल्ली। महिलाओं में राजनीतिक नेतृत्व तलाशने और राजनीति में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए कई देशों ने बीते कुछ दशकों में जेंडर कोटा शुरू किया हैैं। दुनिया में ऐसे 6 देश हैं जहां महिला सांसदों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है।
रवांडा : सबसे ज्यादा महिला प्रतिनिधि, कुल सांसद-80 महिला-49
गृहयुद्ध में 8 लाख नागरिकों की हत्या के बाद 2008 में रवांडा ने दुनिया की पहली महिला प्रभुत्व वाली संसद बनाई। गृहयुद्ध में 5 लाख महिलाओं से दुष्कर्म हुए व लाखों की हत्या हुई। 1.35 करोड़ आबादी वाले इस देश ने महिलाओं के लिए संसद में 30 प्रतिशत सीटें आरक्षित की थीं।
क्यूबा : धीरे-धीरे महिला नेतृत्व बढ़ाया, कुल सांसद-586 महिला-313
1999 में क्यूबा की संसद में 27 प्रतिशत सांसद महिलाएं थीं, आज उनकी संख्या 53 प्रतिशत यानी दोगुनी हो चुकी है। यह सुधार धीरे-धीरे लाए गए।
निकारागुआ: 2000 में कोटा लागू, कुल सांसद-91 महिला-47
2000 में नए चुनाव कानूनों के जरिए यहां जेंडर कोटा लागू किया गया। 1999 में जहां 9.7 प्रतिशत सांसद महिलाएं थीं, 2022 में 51.7 फीसदी हैं।
न्यूजीलैंड: 10 साल में आए सुधार, कुल सांसद-119 महिला-60
2013 में लेबर पार्टी ने पार्टी के संसदीय कॉकस में 50 प्रतिशत महिलाओं को लाने निर्णय लिया।
मैक्सिको: कड़े नियम लागू किए, कुल सांसद-500 महिला-250
यहां 90 के दशक में 30 और 2000 में 40 प्रतिशत जेंडर कोटा कानून बनाया गया। परिणामस्वरूप 3 दशक पहले 300 में से महज 21 यानी 7 प्रतिशत महिला सांसदों वाले मैक्सिको में आज 50 प्रतिशत से अधिक महिला सांसद हैं।
यूएई: 50 प्रतिशत बराबरी हासिल, कुल सांसद-40 महिला-20
यहां फेडरल नेशनल काउंसिल के लिए 2019 में हुए चुनाव में 20 सदस्यों में से 7 महिलाएं जीती थीं। अब दिसंबर 2022 तक 40 सदस्यों की इस काउंसिल में 20 यानी 50 प्रतिशत महिला सांसद हैं।
महिला राजनीतिक नेतृत्व
1997 में केवल पांच देशों स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड, डेनमार्क व नीदरलैंड में 30 प्रतिशत से अधिक सांसद महिलाएं थीं। यूएन के अनुसार सिर्फ 6 देशों की संसद के किसी एक सदन में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। 23 में 40 प्रतिशत से अधिक सांसद हैं। 22 देशों में 10 प्रतिशत से कम हैं। भारत, ब्राजील, रूस का प्रतिशत वैश्विक औसत से कहीं पीछे है।
दुनिया में कानूनी तौर पर महिलाओं को संसद में आरक्षण देने वाला पहला देश अर्जेंटीना है।