ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। नेपाल के साथ संबंधों में खटास आने के चलते भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत अब नेपालियों को भारतीय सेना में (अग्निवीर) भर्ती नहीं किया जाएगा। भारत के इस फैसले को नेपाल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि भारत ने इस फैसले के पीछे कोई खास वजह नहीं बताई है, मगर माना जा रहा है कि नेपाल द्वारा पिछले कुछ वर्षों में भारत के विरोध में खड़े होना और चीन से संपर्क बढ़ाना इसका कारण हो सकता है। भारत इसके जरिये नेपाल को एक कड़ा संदेश देने की कोशिश भी कर रहा है ताकि नेपाल अपने रवैये में बदलाव लाए और चीन के गीत गाना बंद करे।
इस फैसले के बाद भारत में नेपाल के राजदूत शंकर प्रसाद शर्मा ने कहा कि नेपाल के गोरखाओं की अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में भर्तियों को रोक दिया गया है लेकिन अभी मामला समाप्त नहीं हुआ है। शर्मा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि फिलहाल दोनों देशों की सरकारों के बीच इस मुद्दे पर कोई गंभीर बातचीत नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि मामला बंद हो गया है।
अभी तक भारतीय सेना गोरखाओं की भर्ती करती रही है। ये नेपाली सैनिक पहाड़ों पर चढ़ने में बहुत माहिर होते हैं। मिनटों में वे ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ जाते हैं।