ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। इस्राइल में हमास के हमले के दौरान एक बुजुर्ग दंपति की देखभाल करने वाली केरल की दो महिलाओं ने सात अक्तूबर को असाधारण साहस एवं पराक्रम का परिचय देते हुए उनके जीवन की रक्षा की। भारत में इस्राइली दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में केरल की दो महिलाओं सविता और मीरा मोहनन को भारत की असाधारण पराक्रमी महिलाएं (इंडियन सुपरवुमैन) बताते हुए उनका सम्मान किया।
दूतावास ने सविता का वायरल वीडियो भी साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि हमास समूह के सात अक्तूबर को अचानक हमला करने के बाद क्या हुआ था। सविता ने अपने वीडियो संदेश में उस दर्दनाक घटना का स्पष्ट रूप से वर्णन किया, जब उसने और मोहनन ने बहादुरी से अपनी एवं उस बुजुर्ग दंपति की रक्षा की जिनकी वे देखभाल कर रहे थे। संदेश में बताया कि घर के अंदर सुरक्षा कक्ष के दरवाजे की कुंडी को उन्होंने कसकर पकड़ लिया था। गोलियों की बौछार के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और साहसपूर्वक हमलावरों को अंदर घुसने से रोके रखा। सविता ने बताया कि जिस दंपति की देखभाल वे कर रही थीं, उसमें से महिला तंत्रिका तंत्र संबंधी एएलएस बीमारी से पीड़ित है।
उन्होंने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे सायरन की आवाज सुनाई दी जिसके बाद वे सुरक्षा कक्ष में चले गए। उन्होंने सुरक्षा कक्ष के दरवाजे के हैंडल को साढ़े चार घंटे तक पकड़े रखा, जबकि हमलावर दरवाजे खोलने की मांग के साथ गोली बरसा रहे थे। उन्होंने कहा, ‘आतंकवादी हमारे घर में सुबह साढ़े सात बजे घुसे थे। उन्होंने घर में सब कुछ बर्बाद कर दिया। हमें नहीं पता घर में क्या चल रहा था। करीब एक बजे हमें और गोलियों के चलने की आवाज सुनाई दी। बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि इस्राइली सुरक्षा (आईडीएफ) हमें बचाने के लिए आ गये हैं।’