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लखनऊ। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सचिव व कॉस्ट एकाउंटेंट्स को मनी लॉन्डि्रंग दायरे में लाने से उठे असंतोष के बाद एक तरफ कुछ राहत दी गई है तो दूसरी तरफ मददगारों पर शिकंजा भी कस दिया गया है। गलत धंधे में लिप्त कंपनियों से जुड़े पेशेवरों को तीन बिंदुओं पर छूट दी गई है। अधिसूचना जारी होने के बाद पेशेवरों में इस बात को लेकर बहस छिड़ गई थी कि उन्हें मनी लॉन्डि्रंग के तहत लाया जा सकता है, भले ही उन्होंने कंपनी के गठन से जुड़े दस्तावेजों को प्रमाणित किया हो। तीन मई को बोगस और जालसाज कंपनियों से जुड़े पेशेवरों पर भी मनी लॉन्डि्रंग एक्ट लगा दिया गया था। सीए, सीएस और कॉस्ट एकाउंटेंट्स की नियामक संस्थाओं ने इस पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था। दस मई को वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है। इसके मुताबिक बोगस और डिफाल्टर कंपनियों से जुड़े पेशेवरों को कुछ मामलों में राहत दी गई है।
इन मामलोें में सीए-सीएस व पेशेवर मनी लॉन्डि्रंग से बाहर
– भूमि, भवन या किसी स्थान के उपयोग के लिए पट्टे, उप-पट्टे, किरायेदारी या किसी अन्य व्यवस्था में की जाने वाली गतिविधि होती है तो जद में नहीं आएंगे।
– कोई भी गतिविधि जो कंपनी कर्मचारी द्वारा उसके नियोक्ता की तरफ से पाई जाती है तो उन मामलों में भी छूट मिलेगी
– कंपनी का गठन अधिवक्ता, चार्टर्ड एकाउंटेंट, लागत, लेखाकार या कंपनी सचिव ही कर सकते हैं। केवल कंपनी के गठन तक ही उपरोक्त पेशेवरों का योगदान पाया और कंपनी गलत कार्यों में लिप्त पाई गई तो ऐसे मामलों में भी राहत दी जाएगी।
– अधिवक्ता, सीए, सीएस या कॉस्ट एकाउंटेंट पर प्रिवेन्शन आफ मनी लॉन्डि्रंग (पीएमएमए शुल्क) लगेगा।
– केवल सीए, सीएस या कॉस्ट एकाउंटेंट ही नहीं बल्कि एजेंट, निदेशक, सचिव, बिजनेस ऑफिस, कारपोरेट आफिस और आवास का पता देने वाले, नामित शेयरधारक पर भी मनी लॉन्डि्रंग एक्ट लगेगा।
– ट्रस्ट बनाकर बोगस या डिफाल्टर कंपनी की अप्रत्यक्ष रूप में मदद करने वाले या जुड़े लोगों पर भी मनी लॉन्डि्रंग एक्ट लगेगा।