ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश का पहला रीजनल ‘रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (आरआरटीएस) गलियारा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। इसकी विशेषताओं में ट्रेन के डिब्बों में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए निर्धारित स्थान, प्लेटफॉर्म स्क्रीन दरवाजे और स्टेशन पर ‘पिक-अप’ एवं ‘ड्रॉप-ऑफ’ के लिए निर्धारित स्थान शामिल होंगे। आरआरटीएस का परिचालन जल्द ही दिल्ली और मेरठ के बीच शुरू होगा। दुहाई डिपो-साहिबाबाद खंड के स्टेशनों को अब आरआरटीएस की विशिष्ट पहचान नीले रंग से सजाया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रेन के अलावा स्टेशनों पर भी कई नई सुविधाओं की शुरूआत की जा रही है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने आरआरटीएस के विभिन्न घटकों का परीक्षण करने के लिए दुहाई डिपो-साहिबाबाद खंड में एक और परीक्षण किया।
यात्रियों के लिए पहुंच बढ़ाने और उन्हें रोड तथा दिल्ली-मेरठ रोड जैसी व्यस्त सड़कों को सुरक्षित रूप से पार करने में मदद करने के लिए एनसीआरटीसी एलिवेटेड स्टेशनों के प्रवेश और निकास बिंदुओं का निर्माण इस कॉरिडोर के दोनों सड़कों के किनारों पर करवा रहा है। प्रवेश और निकास बिंदु न केवल ट्रेन यात्रियों , बल्कि पैदल यात्रियों के लिए भी सुलभ होंगे। पैदल यात्री आरआरटीएस स्टेशनों के भुगतान क्षेत्र में प्रवेश किए बिना प्रमुख सड़कों को पार करने के लिए उनका उपयोग कर सकते हैं। यह सुविधा पदयात्रियों के सुरक्षित आवागमन और स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन में भी मदद करेगी। अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर आरआरटीएस स्टेशनों पर तीन से चार मंजिल हैं और कई लिफ्ट तथा एस्केलेटर लगाए जा रहे हैं।
आरआरटीएस स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन दरवाजे (पीएसडी) लगाये जा रहे हैं जो ‘डबल-टैम्पर्ड’ शीशे वाले होंगे। ये ट्रेन, पटरी और यात्रियों के बीच एक सुरक्षा ढाल के रूप में कार्य करेंगे।
पीएसडी को ट्रेन के दरवाजों और अत्याधुनिक ईटीसीएस लेवल-2 सिग्नल प्रणाली के साथ एकीकृत किया जा रहा है। ट्रेन के डिब्बों में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए एक निर्दिष्ट स्थान प्रदान किया गया है। चिकित्सा जरूरतों के लिए स्ट्रेचर की आवाजाही की सुविधा के लिए स्टेशनों पर बड़ी लिफ्ट भी लगाई गई हैं।