ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मोबाइल फोन विनिर्माण गतिविधियों में आ रही तेजी से अगले 12-18 महीने में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 2.50 लाख तक नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। सरकार की ओर से स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और वैश्विक स्तर पर मोबाइल ग्राहकों के बढ़ने से यह संभव होगा। भारत में एपल के अनुबंध वाली तीन विनिर्माण कंपनियां फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन के साथ भारतीय कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजी भी निर्माण क्षमता बढ़ा रही हैं। ये कंपनियां घरेलू और निर्यात की मांग को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रही हैं।
एपल चीन से अपनी विनिर्माण क्षमता को आक्रामक तरीके से भारत में स्थापित कर रही है। पिछले तीन वर्षों में भारत सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत इस क्षेत्र में पांच लाख नौकरियां पैदा की हैं। विनिर्माण क्षमताओं का विस्तार करने व उपकरण निर्माताओं को लुभाने के लिए भारत ने 2025-26 तक 300 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक सामान उत्पादित करने का लक्ष्य रखा है।
12 अरब डॉलर मूल्य के आईफोन बनाएगी एपल
एपल ने 2023-24 में भारत में 12 अरब डॉलर मूल्य के आईफोन बनाने का लक्ष्य रखा है। यह उसके पूरी दुनिया में हो रहे निर्माण का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा होगा। हाल में गूगल ने अपने पिक्सल स्मार्टफोन को भारत में बनाने की घोषणा की है। इससे भी बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।
12 लाख लोगों को मिल रहा रोजगार
एक अनुमान के मुताबिक, भारत में मोबाइल फोन विनिर्माण उद्योग में 12 लाख लोगों को इस समय रोजगार मिल रहा है। वित्त वर्ष 2026 तक इसके बढ़कर करीब 15 लाख तक होने की उम्मीद है। इसमें से एक तिहाई नौकरियां प्रत्यक्ष होंगी और बाकी अप्रत्यक्ष रूप से होंगी।