ब्लिट्ज ब्यूरो
ईटानगर। दुनिया की सबसे ऊंचाई पर बन रही सबसे लंबी सेला टनल (13,000 फुट) का काम लगभग पूरा हो गया है। डबल लेन वाली यह ऑल वेदर टनल अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामिंग और तवांग ज़िलों को जोड़ेगा। एलएसी तक पहुंचने वाला यह एकमात्र रास्ता है। माइनस 20 डिग्री तापमान में रात-दिन काम जारी है। 647 करोड़ की लागत से बन रही सुरंग का 98 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
बॉर्डर रोड आर्गेनाजेशन (बीआरओ) की देखरेख में बन रही यह सुरंग पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक का बेहतर उदाहरण है।
सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय मानकों से निर्मित इस सुरंग के बनने से जहां प्रदेश के लोगों की राह आसान होगी, वहीं भारतीय सेना की तवांग सेक्टर में ताकत बढ़ेगी और वह बेहद कम समय में अग्रिम मोर्चे तक पहुंचेगी। माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी नए साल पर इसे देशवासियों को समर्पित कर सकते हैं।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण
वर्तमान में भारतीय सेना और स्थानीय लोग सेला दर्रे से तवांग पहुंचने के लिए बालीपा- पारोदुर रोड का उपयोग कर रहे है। सर्दी के मौसम में अत्यधिक बर्फबारी के कारण भयंकर बर्फ जम जाती है। इससे रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है। पूरा सेक्टर देश के बाकी हिस्सों से कट जाता है। ऐसे में सेना का तवांग पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
यह 13,000 फुट से ज्यादा की ऊंचाई पर दो लेन में बनी दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 11.84 किमी है। 1,591 मीटर की ट्विन टनल तैयार हो रही है । दूसरी सुरंग 993 मीटर लंबी है।