ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने घोषणा की है कि सुप्रीम कोर्ट अब आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) के साथ ‘ऑनबोर्ड’ है। सीजेआई ने अदालत की ‘ओपन डेटा पॉलिसी’ के तहत एनजेडीजी पोर्टल पर सुप्रीम कोर्ट के डेटा को शामिल करने को न्यायिक क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए एक कदम बताया ।
एनजेडीजी देश भर की जिला अदालतों और हाईकोर्ट में लंबित मामलों के संबंध में वास्तविक समय का डेटा देता है। अभी तक सुप्रीम कोर्ट का डेटा एनजेडीजी में उपलब्ध नहीं था, अब उपलब्ध है। सीजेआई ने एनजेडीजी को ई-कोर्ट मिशन की एक प्रमुख प्रोजेक्ट और सार्वजनिक चर्चा के लिए विभिन्न न्यायिक संस्थानों से महत्वपूर्ण जानकारी प्रसारित करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक ‘अद्वितीय और सूचनात्मक पोर्टल’ बताया। सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस आईटी टीम के सहयोग से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा यह पोर्टल डेवलप किया गया है। सीजेआई ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म कानूनी डेटा तक पहुंचने और विश्लेषण करने के तरीके को बदलने के लिए तैयार किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का डेटा वास्तविक समय के आधार पर एनजेडीजी पर अपडेट किया जाएगा। केवल एक बटन पर क्लिक करके, उपयोगकर्ता अब सुप्रीम कोर्ट और उसके मामलों के निपटारे और लंबित मामलों के बारे में व्यापक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सीजेआई ने कोर्ट रूम के लिए वेबपेज भी दिखाया और कहा, वेबपेज हमें वर्तमान वर्ष के लंबित दीवानी और आपराधिक मामलों, रजिस्टर्ड और उन रजिस्टर्ड मामलों की कुल लंबित मामलों की जानकारी देता है। रजिस्टर्ड मामले वे हैं जो अभी भी दोषपूर्ण हैं और वकीलों द्वारा दोषों को अभी तक ठीक नहीं किया गया है। सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट से संबंधित एनजेडीजी पर ग्राफ दिखाया और कहा- आप पिछले महीनों में मामलों की संख्या, चालू वर्ष में स्थापित व निपटाए गए मामलों की संख्या और मामलों की कोरम-वार पेंडेंसी देख सकते हैं।