संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। अगले तीन वर्ष में भारत की इकोनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी और इसी के साथ भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। वित्त मंत्रालय ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें ये बातें कही गई हैं । इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि अगले छह से सात सालों में या 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था 7 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि 2023-24 लगातार तीसरा वर्ष है जब भारतीय अर्थव्यवस्था ने 7 फीसदी से ज्यादा का ग्रोथ दर्ज कर रही है जबकि वैश्विक इकोनॉमी के लिए 3 फीसदी ग्रोथ दिखाना भी बेहद कठिन हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान बीते 10 सालों में पब्लिक सेक्टर में कैपिटल इंवेस्टमेंट में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है। फाइनेंशियल सेक्टर मजबूत बना हुआ है। गैर-फूड क्रेडिट ग्रोथ बढ़ा है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था गति दिखा रही है।
2030 तक 7 टि्रलियन डॉलर होगी अर्थव्यवस्था
वित्त मंत्रालय ने कहा कि समावेशी विकास, बेरोजगारी दर के काफी नीचे रहने, महंगाई दर में कमी, बीते 10 सालों में बिखराव से स्थिर और मजबूती की तरफ यात्रा रही है। सरकार के बेहतर कोविड मैनेजमेंट, राहत पैकेज और सफल वैक्सीन अभियान के चलते आर्थिक विकास की गाड़ी पटरी पर लौट सकी। 2014 के बाद सरकार ने जो स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स को लागू किया है, उससे देश की मैक्रोइकोनॉमिक बुनियाद को मजबूती मिली है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक जीएसटी के लागू होने से देश के बाजारों के एकीकरण करने से लेकर उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिली है। साथ ही लॉजिस्टिक्स कॉस्ट घटी है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 9 वर्ष में देश के नागरिक सरकार के कार्यक्रमों के लाभार्थी हुए हैं, साथ ही आर्थिक मोर्चे पर सफलता में प्रमुख योगदान रहा है।
अमेरिका और यूके के बाद भारत दुनिया का तीसरा बड़ा फिनटेक मार्केट है। ई-केवाईसी के खर्च को 1000 रुपये से घटाकर 5 रुपये तक लाने में सफलता मिली है।