गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। केंद्र में मोदी 3.0 सरकार का गठन होने के साथ ही इस सरकार में एक बार फिर से पूर्व आईएएस अधिकारी अश्विनी वैष्णव को ही रेल मंत्री का कार्यभार सौंपा गया है। वह शीघ्र ही यात्रियों को वंदे भारत एक्सप्रेस और अमृत भारत एक्सप्रेस के बाद वंदे मेट्रो की सौगात यात्रियों को देने वाले हैं।
वंदे मेट्रो का पहला रैक रेल मंत्रालय के चेन्नई स्थित सवारी डिब्बा कारखाना (आईसीएफ) में बन कर तैयार है। अब इसकी लोड टेस्टिंग, स्पीड टेस्ट और आक्सीलरेशन या कंपन टेस्ट होना बाकी है। इसके लिए इस रैक को चेन्नई से राजस्थान के कोटा डिवीजन में भेजा जा रहा है।
क्या है वंदे मेट्रो
यह ट्रेन मेट्रो शहरों में चलने वाली मेट्रो सर्विस ट्रेन की तरह ही है। ट्रेन पूरी तरह से एयर कंडीशंड है। इसे एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ने के लिए सुपरफास्ट इंटरसिटी ट्रेन के रूप में बनाया जा रहा है। इसकी गति 100 से 150 किमी तक होगी। वंदे मेट्रो की सेवा उन लोगों के बहुत काम आएगी जो नजदीक के बड़े शहरों में नौकरियां करने रोज आते-जाते हैं।
आधुनिक फीचर्स से लैस
वंदे मेट्रो को डेवलप कर रहे रेलवे के अधिकारियों ने उम्मीद जाहिर की है कि यह ट्रेन लोगों के सफर को आरामदायक और सुकून भरा बना देगी। यह ट्रेन आधुनिक फीचर्स से लैस है और पहले से चल रहे रैक के मुकाबले तेज रफ्तार से दौड़ सकेगी। पूरी की पूरी ट्रेन एयर कंडीशंड है तो इसमें सफर करने से पैसेंजर्स को थकान का अनुभव भी नहीं होगा।
ऑटोमेटिक डोर
अभी तक आपने भारतीय रेल की इंटरसिटी ट्रेन या लोकल ट्रेन में ऑटोमेटिक डोर नहीं देखा होगा। लेकिन इस ट्रेन में ऑटोमेटिक डोर लगे हैं। ये दरवाजे उसी तरह के हैं, जैसे वंदे भारत एक्सप्रेस में हैं। इसकी खासियत यह है कि ट्रेन के चलने के बाद कोई पैसेंजर दरवाजे या पायदान पर खड़ा नहीं हो सकेगा।
मॉडर्न टॉयलेट
ट्रेन को पैनोरामिक विंडो और मॉडर्न टॉयलेट से सज्जित किया गया है। इससे पैंसेजर्स को सफर के दौरान बेहतर अनुभूति होगी। अगर उन्हें रास्ते में टॉयलेट का उपयोग करना पड़े तो वहां भी सुखद अनुभूति होगी। रेलवे के सूत्रों का कहना है टॉयलेट में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के सामानों का उपयोग किया गया है। मतलब यह कि यात्रियों को विदेशी ट्रेन में सफर जैसा अहसास होगा।
पहली वंदे मेट्रो में 12 कोच
पहली वंदे मेट्रो ट्रेन में 12 कोच होने की जानकारी दी गई है। इसमें दोनों तरफ इंजन कोच समेत छह मोटर कोच और छह ट्रेलर कोच हैं। एक तरह से इसे एसी मेमू कहा जा सकता है पर इसमें सुविधाएं वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी होंगी।
कितनी है यात्री क्षमता
रेलवे अफसरों ने बताया कि इस कोच में 100 लोग बैठकर और 200 खड़े होकर यात्रा कर पाएंगे। इसकी अधिकतम रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटे है।
चंद और खासियतें
वंदे मेट्रो ट्रेन को डेली पैसेंजर्स के हिसाब से तैयार किया गया है। इसमें जगह-जगह मोबाइल चार्जिंग प्वॉइंट हैं। डिब्बे के अंदर रूट इंडिकेटर डिस्प्ले लगा है।
सीसीटीवी कैमरे से लैस
वंदे मेट्रो के हर कोच में सीसीटीवी कैमरे हैं। मतलब कि यदि डिब्बे या ट्रेन में कोई अप्रिय घटना हो तो उसकी अपने आप रिकार्डिंग हो जाएगी। इसके साथ ही डिब्बे में इमरजेंसी टॉक बैक यूनिट और कुछ अन्य सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं।
अभी नहीं लगी है ट्रेन की नाक
आप वंदे भारत एक्सप्रेस को देखते होंगे तो उसे उसकी नोज से पहचानते होंगे। वंदे भारत की तरह ही वंदे मेट्रो में भी नोज लगेगी। चूंकि अभी ट्रेन को आक्सीलरेशन ट्रायल पर भेजा जा रहा है, इसलिए इसमें आगे इंजन लगा कर इसे खींचा जाएगा। ट्रेन के आगे इंजन लगाने के लिए ही अभी इसमें नोज नहीं लगाई गई है।