आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की है कि नौसेना भारतीय परंपराओं के अनुरूप अपने रैंक के नाम रखेगी। उन्होंने कहा कि देश गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने सशस्त्र बलों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की और पहली बार नौसेना के पोत की कमान संभालने के लिए एक महिला अधिकारी की नियुक्ति करने की सराहना की। छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी दूरदर्शिता और युद्ध रणनीति के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 17वीं सदी के मराठा शासक नौसैनिक शक्ति के महत्व को जानते थे। प्रधानमंत्री मुंबई से लगभग 500 किमी दूर महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवण में आयोजित नौसेना दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हम सशस्त्र बलों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। पीएम मोदी ने इस घोषणा के बाद नौसेना की सराहना की कि कुछ समय के लिए एक महिला अधिकारी नौसेना के जहाज की कमान संभालेंगी। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना में रैंक का नाम भारतीय संस्कृति के अनुसार बदला जाएगा। नौसेना के अधिकारियों द्वारा लगाए जाने वाले ‘एपॉलेट्स’ (वर्दी पर पट्टी, सजावटी चिह्न) में छत्रपति शिवाजी की छवि होगी, जिन्हें देश की पहली आधुनिक नौसेना के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने पिछले साल नौसेना ध्वज के अनावरण को याद किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महान मराठा साम्राज्य के संस्थापक देश के लिए नौसैनिक शक्ति के महत्व को जानते थे और उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान मजबूत समुद्री शक्ति का निर्माण किया। छत्रपति शिवाजी से प्रेरणा लेकर भारत गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़कर सभी मोर्चे पर आगे बढ़ रहा है। आज भारत अपने लिए बड़े लक्ष्य निर्धारित कर रहा है और उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर रहा है। 140 करोड़ भारतीयों का विश्वास ही सबसे बड़ी ताकत है क्योंकि देश बड़े लक्ष्य तय कर रहा है और पूरी प्रतिबद्धता के साथ उन्हें हासिल करने के लिए काम कर रहा है।
इतिहास से प्रेरणा लेकर हो रहा उज्ज्वल भविष्य का खाका तैयार
पिछले महीने जिन पांच राज्यों में चुनाव हुए उनमें से भाजपा ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में शानदार जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि संकल्पों, भावनाओं और आकांक्षाओं की एकता के सकारात्मक परिणामों की झलक दिखाई दे रही है, क्योंकि विभिन्न राज्यों के लोग ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से प्रेरित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘आज देश इतिहास से प्रेरणा लेकर उज्ज्वल भविष्य का खाका तैयार करने में जुटा है।
नकारात्मकता की राजनीति को नकारा
उन्होंने कहा कि लोगों ने नकारात्मकता की राजनीति को हराकर हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। यह संकल्प हमें विकसित भारत की ओर ले जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भारत को ‘विश्व मित्र’ के रूप में देख रही है।
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि देश का इतिहास केवल गुलामी, पराजयों और निराशाओं के बारे में नहीं है, बल्कि इसमें भारत की जीत, साहस, ज्ञान और विज्ञान, कला और रचनात्मक कौशल और समुद्री क्षमताओं के गौरवशाली अध्याय भी शामिल हैं। उन्होंने लोथल (गुजरात) में पाए गए सिंधु घाटी सभ्यता के बंदरगाह की विरासत और सूरत के बंदरगाह में 80 से अधिक जहाजों के लंगर डालने पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने चोल साम्राज्य द्वारा दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में व्यापार के विस्तार के लिए भारत की समुद्री ताकत को श्रेय दिया।
वाणिज्यिक पोतों को बढ़ावा
पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत की समुद्री क्षमता ही थी जिस पर सबसे पहले विदेशी ताकतों का हमला हुआ। भारत जो नावों और जहाज़ों के निर्माण के लिए प्रसिद्ध था, उसने समुद्र पर नियंत्रण छोड़ दिया और इस प्रकार अपनी सामरिक-आर्थिक शक्ति खो दी। मोदी ने सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया। बाद में, मोदी ने तारकर्ली समुद्र तट से भारतीय नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और विशेष बलों के अभियानगत प्रदर्शन को देखा।
मालवण में कार्यक्रम
छोटे से तटीय शहर मालवण में भी नौसेना ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। नौसेना ने अभ्यास में अग्रिम पंक्ति के युद्धपोत, पनडुब्बी, विमान और हेलीकॉप्टर को शामिल किया। युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य, आईएनएस कोलकाता, आईएनएस कोच्चि, आईएनएस विशाखापत्तनम, आईएनएस चेन्नई, आईएनएस ब्रह्मपुत्र, आईएनएस ब्यास, आईएनएस बेतवा समेत अन्य पोत इस अभ्यास का हिस्सा थे। नौसेना ने अपने अभियानगत कौशल और क्षमताओं के प्रदर्शन के दौरान पनडुब्बी खंडेरी, हेलीकॉप्टर चेतक, कामोव 32, सीकाइंड 42बी और डोर्नियर, पी8आई निगरानी और टोही विमान, हल्के लड़ाकू विमान और मिग29के को भी तैनात किया।