ब्लिट्ज ब्यूरो
अलीगढ़। राम मंदिर आंदोलन में अलीगढ़ के मुस्लिमों का भी बड़ा योगदान रहा था। विहिप नेता अशोक सिंघल व कल्याण सिंह के गांव से कई नौजवान अयोध्या के लिए निकले थे। अतरौली के रहने वाले छोटे कुरैशी, इदरीश सहित दर्जनों युवा अयोध्या पहुंचे थे।
जब गली-गली में गूंज रहा था ‘बच्चा-बच्चा राम का जन्मभूमि के काम का’
मुस्लिम नौजवान भी खुद को रोक नहीं पाए थे। अब जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन गया है तो इन लोगों ने अपनी पुरानी यादें ताजा कीं। अलीगढ़ के अतरौली क्षेत्र की माटी से निकले कल्याण सिंह ने भगवान राम की खातिर अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी को त्यागने में देर नहीं लगाई थी। इसी जज्बे- जोश के साथ इलाके के मुस्लिम युवाओं ने भी कल्याण सिंह की एक आवाज पर अयोध्या जाने में एक पल नहीं सोचा था।
छोटे खां मानते हैं सौभाग्य
मोहल्ला गुरैया निवासी छोटे खां तो 1992 के आंदोलन में अयोध्या जाने को सौभाग्य मानते हैं। उन्होंने बताया कि यहां से गांव के ही इदरीश सहित छह लोग जीप से उस समय अयोध्या पहुंच गए थे। वहां हर तरफ मंदिर आंदोलन को लेकर उफान था। हर तरफ जयश्रीराम का जयघोष हो रहा था। अयोध्या से पहले ही गाड़ी रोक दी गई थी। एक दिन तो अयोध्या के बाहर ही तमाम लोगों का जमावड़ा था। तो वहीं रात बिताई थी। इसके बाद हम लोग बाराबंकी आए थे जहां से दो दिन बाद अलीगढ़ पहुंचे थे।
कल्याण सिंह से लंबे समय से जुड़े रहे
उन्होंने बताया कि वह कल्याण सिंह से लंबे समय से जुड़े रहे थे, उनके दिल में हिन्दू-मुस्लिमों को लेकर कोई भेदभाव नहीं था। आज जब राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होने जा रहा है तो सभी इसका स्वागत करें।
अतरौली के ही पुत्तन खां बताते हैं कि वह 1990 में कारसेवा में गए थे। तब कस्बे से कार सेवकों की बस रवाना की गई थी। तब भी कार सेवकों की धरपकड़ की जा रही थी। इसके बाद भी वह क्षेत्र के ही टिल्लू खां को साथ लेकर गए थे। हालांकि वह अब दुनिया में नहीं रहे। तब माहौल ऐसा था कि हर तरफ श्रीराम की लहर थी।