नई दिल्ली। रोहन बोपन्ना को कॅरिअर की बड़ी सफलताएं 35 की उम्र के बाद मिली हैं। बोपन्ना मार्च में 44 वर्ष के हो चुके हैं। बावजूद इसके वह सफलताओं के नए आयाम गढ़ रहे हैं। वह इस वर्ष ही 43 वर्ष की आयु में मैथ्यू एबडेन के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीतकर ग्रैंडस्लैम जीतने वाले सबसे उम्रदराज टेनिस खिलाड़ी बने हैं।
अब बोपन्ना की निगाहें पेरिस ओलंपिक पर हैं। उन पर टेनिस में 28 साल के पदक के सूखे को खत्म करने का जिम्मा है। लिएंडर पेस ने 1996 में कांस्य पदक जीता था। बोपन्ना यहां एन श्रीराम बालाजी के साथ जोड़ी बनाकर उतरेंगे। पेरिस में उनकी दावेदारी खारिज नहीं की जा सकती। बोपन्ना ने पेरिस में बालाजी के साथ पदक जीता तो वह इतिहास रच देंगे। वह ओलंपिक में पदक जीतने वाले सबसे उम्रदराज भारतीय खिलाड़ी बन सकते हैं।
होटल में साथ ठहरे तब चुना जोड़ीदार
विश्व नंबर 62 बालाजी से तालमेल बिठाने के लिए दोनों इस वक्त साथ खेल रहे हैं। बोपन्ना ने सोचने- समझने के बाद बालाजी को ओलंपिक के लिए अपना जोड़ीदार चुना। दिसंबर, 2023 में बोपन्ना ने कुछ भारतीय खिलाड़ियों को अपने खर्च पर साथ में होटल में रुकवाया था। इस प्रवास के दौरान बोपन्ना ने उनके बारे में सब कुछ जाना। इनमें बालाजी भी थे। सूत्र बताते हैं कि प्रवास के कुछ दिन बाद ही बोपन्ना ने टेनिस महासंघ को अवगत करा दिया था कि वह बालाजी को जोड़ीदार बना रहे हैं।
बोपन्ना का यह तीसरा ओलंपिक
2012 और 2016 में वह ओलंपिक से पहले जोड़ी को लेकर विवादों में रहे। उन्होंने लंदन में पेस की जगह महेश भूपति के साथ जोड़ी बनाई।
क्ले कोर्ट पर अच्छे हैं नागल
बोपन्ना-बालाजी के अलावा एकल में सुमित नागल भारतीय चुनौती पेश करेंगे। नागल का क्ले कोर्ट पर हालिया प्रदर्शन शानदार रहा है। वह दो चैलेंजर टूर्नामेंट इस सतह पर जीत चुके हैं। उनकी विश्व रैंकिंग भी सुधर कर 68 पर जा पहुंची है।
भारत का ओलंपिक टेनिस में प्रमुख प्रदर्शन
– जैकब -क्वार्टर फाइनल (एकल)- 1924
– डोनाल्ड व हादी- क्वार्टर फाइनल (युगल)- 1924
– रमेश कृष्णन व पेस- क्वार्टर फाइनल (युगल)- 1992
– लिएंडर पेस- कांस्य पदक (एकल)- 1996
– पेस व भूपति- चौथा स्थान (युगल)- 2004
– पेस व भूपति- क्वार्टर फाइनल (युगल)- 2008
– पेस व सानिया- क्वार्टर फाइनल (मिश्रित)- 2012
– बोपन्ना व सानिया- चौथा स्थान (मिश्रित)- 2016 ।