ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने कहा है कि दुनिया तेजी से दो धड़ों में बंट रही है, जिसमें कुछ क्षेत्रों में शांति, सुरक्षा और समृद्धि है, जबकि अन्य संघर्ष और हिंसा के चक्र में फंसे हुए हैं। वह सुरक्षा परिषद की एक मीटिंग में ‘शांति के लिए नया एजेंडा- संघर्ष निवारण के वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पहलुओं पर संबोधन’ विषय पर भारत का पक्ष रख रहे थे।
रवींद्र ने विशेष रूप से अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ के बिगड़ते हालात और अनिश्चितता की ओर इशारा किया। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में परिस्थितियां जटिल और अस्थिर हो गई हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों , सशस्त्र विद्रोहियों और बाहरी सहयोग के साथ संगठित आपराधिक ग्रुप आधुनिक तकनीक का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे दुनिया में संघर्ष बढ़ रहा है। उन्होंने आगे कहा, यह पहचानने की जरूरत है कि संघर्ष की रोकथाम जटिल और कई पहलुओं से युक्त है, इसके लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसलिए हमें न केवल राजनीतिक प्रक्रिया बल्कि सतत और समावेशी आर्थिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित करने वाला एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने पर विचार करना है। साथ ही समाधान, सुलह, पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण भी संघर्ष से बचाव संबंधी रणनीतियों के महत्वपूर्ण पहलू हैं।