संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। चार यूरोपीय देशों का समूह यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) भारत में अगले 15 साल में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा। इसके लिए भारत और ईएफटीए ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते से निवेश के साथ वस्तुओं व सेवाओं के दोतरफा व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, देश में 10 लाख रोजगार भी पैदा होंगे।
भारत-ईएफटीए में आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर 16 वर्षों के बाद सहमति बनी है। इसकी शुरुआत जनवरी, 2008 में हुई थी। समझौते में बौद्धिक संपदा अधिकार, माल-सेवा व्यापार, निवेश प्रोत्साहन, सरकारी खरीद समेत 14 अध्याय शामिल हैं। एफटीए इतिहास में पहली बार लक्ष्य आधारित निवेश व रोजगार बढ़ाने देने के लिए कानूनी प्रतिबद्धता जताई जा रही है। समझौते को मंजूरी की विस्तृत प्रक्रिया के कारण इसे लागू होने में एक साल का समय लगेगा। ईएफटीए के सदस्य देशों में नॉर्वे, आइसलैंड, लिचटेंस्टीन और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।
भारत को लाभ
सभी घरेलू औद्योगिक उत्पादों को ईएफटीए देशों में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी। प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों पर भी शुल्क छूट से अधिक निवेश मिलेगा।
टीईपीए भारतीय निर्यातकों के लिए अनुकूल व्यापार माहौल बनाएगा। देसी वस्तुओं का निर्यात बढ़ेगा। सेवा क्षेत्र को भी अधिक बाजार मिलेंगे। स्विट्जरलैंड के जरिये यूरोपीय संघ के बाजारों में पहुंच बढ़ेगी। इन्फ्रा, विनिर्माण, मशीनरी, फार्मा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण बढ़ेगा।
इन्हें छूट नहीं
डेयरी, कोयला, सोया और संवेदनशील कृषि उत्पाद शुल्क छूट के दायरे से बाहर रहेंगे।
खुलेंगे नए दरवाजे
ईएफटीए सदस्यों की ओर से संघीय काउंसलर गाई पार्मेलिन ने कहा, ईएफटीए देशों को वृद्धि के एक प्रमुख बाजार तक पहुंच मिली है। हमारी कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक जुझारू बनाते हुए उनमें विविधता लाने का प्रयास करेंगी। कुल मिलाकर टीईपीए से हमें अपनी आर्थिक क्षमता का बेहतर इस्तेमाल करने के साथ भारत और ईएफटीए, दोनों के लिए अतिरिक्त अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
निवेश को मिलेगा बढ़ावा: उद्योग जगत
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष आर दिनेश ने कहा, 100 अरब डॉलर के निवेश के लिए ईएफटीए सदस्यों की प्रतिबद्धता से इंजीनियरिंग, दवा, खाद्य प्रसंस्करण, परिधान और अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।
तिरुपुर निर्यातक संघ के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा, आपसी व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय परिधान निर्यातकों को अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
व्यापार विशेषज्ञ एवं हाई-टेक गियर्स के अध्यक्ष दीप कपूरिया ने कहा कि ईएफटीए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक ब्लॉक है, यह वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में दुनिया के शीर्ष-10 में शामिल है।
समझौता मुक्त, निष्पक्ष व समानता वाले कारोबार के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
डिजिटल व्यापार, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं व फार्मा जैसे क्षेत्रों में नवाचार को लेकर ईएफटीए देशों की वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्थिति से सहयोग के नए दरवाजे खुलेंगे।
देश में अब लोगों को स्विस घड़ियां और चॉकलेट कम कीमतों पर मिलेंगी। भारत द्वारा स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिचटेंस्टीन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर साइन करने से यह संभव हो सकेगा। भारत ईएफटीए ब्लॉक के साथ अपने व्यापार समझौते के तहत कलाई घड़ियों, चॉकलेट, बिस्किट और दीवार घड़ियों जैसे उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पादों पर क्रमिक रूप से सीमा शुल्क को खत्म कर देगा।
एक अधिकारी ने कहा, हम स्विस घड़ियों और चॉकलेट पर शुल्क रियायतें दे रहे हैं। स्विट्जरलैंड के कुछ प्रसिद्ध घड़ी ब्रांड्स में रोलेक्स, ओमेगा और कार्टियर हैं। स्विट्जरलैंड का ब्रांड नेस्ले भारतीय एफएमसीजी (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुएं) बाजार की प्रमुख कंपनी और चॉकलेट निर्माता है। यह भारतीय एफएमसीजी खंड में तीसरी सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी है।
संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। चार यूरोपीय देशों का समूह यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) भारत में अगले 15 साल में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा। इसके लिए भारत और ईएफटीए ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते से निवेश के साथ वस्तुओं व सेवाओं के दोतरफा व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, देश में 10 लाख रोजगार भी पैदा होंगे।
भारत-ईएफटीए में आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर 16 वर्षों के बाद सहमति बनी है। इसकी शुरुआत जनवरी, 2008 में हुई थी। समझौते में बौद्धिक संपदा अधिकार, माल-सेवा व्यापार, निवेश प्रोत्साहन, सरकारी खरीद समेत 14 अध्याय शामिल हैं। एफटीए इतिहास में पहली बार लक्ष्य आधारित निवेश व रोजगार बढ़ाने देने के लिए कानूनी प्रतिबद्धता जताई जा रही है। समझौते को मंजूरी की विस्तृत प्रक्रिया के कारण इसे लागू होने में एक साल का समय लगेगा। ईएफटीए के सदस्य देशों में नॉर्वे, आइसलैंड, लिचटेंस्टीन और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।
भारत को लाभ
सभी घरेलू औद्योगिक उत्पादों को ईएफटीए देशों में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी। प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों पर भी शुल्क छूट से अधिक निवेश मिलेगा।
टीईपीए भारतीय निर्यातकों के लिए अनुकूल व्यापार माहौल बनाएगा। देसी वस्तुओं का निर्यात बढ़ेगा। सेवा क्षेत्र को भी अधिक बाजार मिलेंगे। स्विट्जरलैंड के जरिये यूरोपीय संघ के बाजारों में पहुंच बढ़ेगी। इन्फ्रा, विनिर्माण, मशीनरी, फार्मा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण बढ़ेगा।
इन्हें छूट नहीं
डेयरी, कोयला, सोया और संवेदनशील कृषि उत्पाद शुल्क छूट के दायरे से बाहर रहेंगे।
खुलेंगे नए दरवाजे
ईएफटीए सदस्यों की ओर से संघीय काउंसलर गाई पार्मेलिन ने कहा, ईएफटीए देशों को वृद्धि के एक प्रमुख बाजार तक पहुंच मिली है। हमारी कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक जुझारू बनाते हुए उनमें विविधता लाने का प्रयास करेंगी। कुल मिलाकर टीईपीए से हमें अपनी आर्थिक क्षमता का बेहतर इस्तेमाल करने के साथ भारत और ईएफटीए, दोनों के लिए अतिरिक्त अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
निवेश को मिलेगा बढ़ावा: उद्योग जगत
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष आर दिनेश ने कहा, 100 अरब डॉलर के निवेश के लिए ईएफटीए सदस्यों की प्रतिबद्धता से इंजीनियरिंग, दवा, खाद्य प्रसंस्करण, परिधान और अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।
तिरुपुर निर्यातक संघ के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा, आपसी व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय परिधान निर्यातकों को अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
व्यापार विशेषज्ञ एवं हाई-टेक गियर्स के अध्यक्ष दीप कपूरिया ने कहा कि ईएफटीए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक ब्लॉक है, यह वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में दुनिया के शीर्ष-10 में शामिल है।
समझौता मुक्त, निष्पक्ष व समानता वाले कारोबार के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
डिजिटल व्यापार, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं व फार्मा जैसे क्षेत्रों में नवाचार को लेकर ईएफटीए देशों की वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्थिति से सहयोग के नए दरवाजे खुलेंगे।
देश में अब लोगों को स्विस घड़ियां और चॉकलेट कम कीमतों पर मिलेंगी। भारत द्वारा स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिचटेंस्टीन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर साइन करने से यह संभव हो सकेगा। भारत ईएफटीए ब्लॉक के साथ अपने व्यापार समझौते के तहत कलाई घड़ियों, चॉकलेट, बिस्किट और दीवार घड़ियों जैसे उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पादों पर क्रमिक रूप से सीमा शुल्क को खत्म कर देगा।
एक अधिकारी ने कहा, हम स्विस घड़ियों और चॉकलेट पर शुल्क रियायतें दे रहे हैं। स्विट्जरलैंड के कुछ प्रसिद्ध घड़ी ब्रांड्स में रोलेक्स, ओमेगा और कार्टियर हैं। स्विट्जरलैंड का ब्रांड नेस्ले भारतीय एफएमसीजी (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुएं) बाजार की प्रमुख कंपनी और चॉकलेट निर्माता है। यह भारतीय एफएमसीजी खंड में तीसरी सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी है।