ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश मदरसा एक्ट को असंवैधानिक घोषित करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 22 मार्च को आदेश दिया था कि सभी मदरसा छात्रों का दाखिला राज्य सरकार सामान्य स्कूलों में करवाए। इसके खिलाफ अंजुम कादरी नाम के शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जल्द ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत दूसरे पक्ष भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकते हैं।
तुरंत रोक लगाने की मांग
अंजुम कादरी और अन्य की ओर से दायक याचिका में हाई कोर्ट के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग गई। साथ ही कहा गया कि इस आदेश से मदरसे में पढ़ रहे लाखों छात्रों का भविष्य खराब हो सकता है।
22 मार्च का आदेश
हाई कोर्ट ने 22 मार्च, 2023 के अपने आदेश में कहा था कि एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के पास धार्मिक शिक्षा के लिए बोर्ड बनाने या केवल किसी विशेष धर्म और उससे जुड़े स्कूली शिक्षा के लिए बोर्ड स्थापित करने की कोई शक्ति नहीं है। पीठ ने 86 पेज के आदेश में कहा था, विभिन्न धर्मों के बच्चों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। धर्म के आधार पर उन्हें अलग-अलग प्रकार की शिक्षा मुहैया नहीं कराई जा सकती। अगर ऐसा किया जाता है तो यह धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन होगा।
मदरसा बोर्ड ने क्या कहा
कोर्ट के फैसले के बाद यूपी मदरसा बोर्ड की ओर से कहा गया था इस आदेश के बाद 16,500 मान्यता प्राप्त और 8,500 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों या इस्लामिक मदरसों के 2 लाख छात्रों का जीवन प्रभावित होगा।