ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की महिला कैप्टन शिवा चौहान को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र पर तैनात किया गया है। शिवा 15,632 फीट की ऊंचाई पर स्थित सबसे खतरनाक कुमार पोस्ट पर ड्यूटी कर रही हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय सेना ने किसी महिला को इतने खतरनाक पोस्ट पर तैनात किया है। कुमार पोस्ट उत्तरी ग्लेशियर बटालियन का हेडक्वार्टर है।
कैप्टन शिवा चौहान शिवा फायर एंड फ्यूरी की सैपर्स हैं। वह कुमार पोस्ट पर तैनात होने वाली पहली भारतीय महिला हैं। इस पोस्ट पर तैनाती से पहले शिवा को कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा । उन्हें दिन में कई घंटों तक बर्फ की दीवार पर चढ़ना सिखाया गया है। बता दें कि फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स को आधिकारिक तौर पर 14वां कॉर्प्स कहा जाता है। इसका हेडक्वार्टर लेह में है। इनकी तैनाती चीन-पाकिस्तान की सीमाओं पर होती है। साथ ही ये सियाचिन ग्लेशियर की रक्षा करते हैं।
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कैप्टन शिवा चौहान को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया- शानदार खबर, मुझे ये देखकर काफी खुशी हो रही है कि अधिक महिलाएं सशस्त्र बलों में शामिल हो रही हैं और हर चुनौती का डटकर सामना कर रही हैं। यह उत्साहजनक संकेत है। कैप्टन शिवा चौहान को मेरी शुभकामनाएं।
– रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
– दुनिया की सबसे ऊंची जंगी पोस्ट है सियाचिन
– सर्दियों में यहां तापमान -50 से -70 डिग्री सेंटीग्रेड हो जाता है
– सबसे खतरनाक कुमार पोस्ट पर हैं तैनात
कौन है शिवा चौहान
शिवा राजस्थान के उदयपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने वहां से सिविल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया है। 11 साल की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया था। उनकी मां ने पढ़ना लिखना सिखाया है। शिवा ने चेन्नई में आफिसर ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) की ट्रेनिंग ली है। मई 2021 में उन्हें भारतीय सेना की इंजीनियर रेजीमेंट में नियुक्त किया गया। जुलाई 2022 में कैप्टन शिवा ने कारगिल विजय दिवस पर 508 किलोमीटर (युद्ध स्मारक से कारगिल युद्ध स्मारक तक) सुरा सोई साइकिल अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया था। बर्फ की दीवार पर चढ़ने के लिए कैप्टन शिवा ने कई दिनों तक ट्रेनिंग ली थी।
भारत के लिए क्यों जरूरी है सियाचिन
सियाचिन ग्लेशियर लद्दाख में स्थित करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बेहद दुर्गम इलाका है। ये कराकोरम पर्वत रेंज में स्थित है। सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा जंग का मैदान है, जहां पिछले 38 साल से भारत-पाकिस्तान की सेनाएं आमने-सामने हैं। 1984 से ही करीब 76 किमी लंबे पूरे सियाचिन ग्लेशियर और इसके सभी प्रमुख दर्रे भारत के नियंत्रण में हैं।
भारत के लिए महत्वपूर्ण
सियाचिन की भौगोलिक स्थिति उसे भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण बनाती है। इसके एक तरफ पाकिस्तानी नियंत्रण वाला इलाका है तो वहीं दूसरी तरफ चीन। यहां से भारत पाक और चीन के सैन्य गठबंधन को रोकता है, जो लद्दाख की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। सियाचिन उस पॉइंट एनजे9842 के ठीक उत्तर में हैं, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा यानी एलओसी खत्म होती है। सियाचिन सालभर बर्फ से ढका रहता है। यहां औसत तापमान जीरो से भी कम -10 डिग्री सेंटीग्रेड रहता है। सर्दियों में यहां का तापमान -50 से -70 डिग्री सेंटीग्रेड हो जाता है।