शुभांगी सिंह
नई दिल्ली। हबल स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्ष की शानदार तस्वीरें लेता है और हमें अंतरिक्ष के बारे में गहराई से जानने को मिलता है। हाल ही में इस टेलीस्कोप ने ऐसी तस्वीर खींची है जिसमें एक पुल दो आकाशगंगाओं को जोड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। ये पुल ‘रामसेतु’ की तरह लगता है जो भारत और श्रीलंका को जोड़ता है।
हबल स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्ष के अनदेखे नजारे, तस्वीरों के जरिए हम तक पहुंचा है। हाल ही में इस टेलिस्कोप ने गैलेक्टिक सिस्टम एआरपी 248 की एक बेहद अनोखी तस्वीर ली है। गैलेक्टिक सिस्टम एआरपी 248 को वाइल्ड्स ट्रिपलेट भी कहा जाता है। ये आपस में जुड़ी हुई तीन आकाशगंगाएं हैं जिनमें से दो के बीच तारों का एक चमकदार पुल है जो इन्हें आपस में जोड़ता है। यह पुल इनके बीच चल रही विलय प्रक्रिया का संकेत है।
इस तस्वीर को हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने जारी किया है, इसकी खासियत इसका टाइडल ब्रिज है। अंतरिक्ष की विशेषता का यह एक शानदार उदाहरण है जिसे खगोलविद एक ज्वारीय पुल कहते हैं। जैसे-जैसे आकाशगंगाएं एक-दूसरे के करीब आती हैं, गुरुत्वाकर्षण की वजह से उनमें जुड़ाव बनने लगता है। ऐसे में संभव है कि आकाशगंगाएं एक दूसरे से टकराने लगें (जैसे, कार्टव्हील आकाशगंगा) लेकिन अक्सर ये विलय बहुत ही धीमी गति के साथ शुरू होता है।
ये आकाशगंगाएं एक दिन एक हो जाती हैं लेकिन इस दौरान वे एक-दूसरे को बिखरा सकती हैं। जैसे कि इस तिकड़ी का तीसरा सदस्य जो बीच में है। ये आकाशगंगाएं करीब 20 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित हैं। इसे समझने के लिए हमें अपनी आकाशगंगा का उदाहरण लेना होगा। हमारी आकाशगंगा छोटी आकाशगंगाओं से घिरी हुई है। इनमें से कुछ को तो पहले ही हमारी आकाशगंगा ने निगल लिया है जैसे कि गाइया-एन्सेलाडस-सॉसेज गैलेक्सी और बाकी धीरे-धीरे इसमें विलय हो रही हैं।